अब शत्रु विदेशी नहीं बल्कि अपने देश अपने वर्ग का है।
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जाहिर हैं शत्रु विदेशी होते थे इसीलिए इसके निर्माण में भी विदेशी झलक हैं।
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जिस पद पर वो थे वहां एक अधिकारी महीने मे 2 करोड़ रुपये कमाता है इस नौकरी को लात मारने ने लिए बला की हिम्मत, जज्बा और देश के लिए प्यार चाहिए! आदर्श हैं अरविन्द इस देश के लिए! रही बात गांधी की, अन्ना गांधी से कहीं अधिक महान हैं! गांधी के शत्रु विदेशी थे और देश उनके साथ था ये एक अनुकूल स्थिति है!